Sahara India Refund – हैदराबाद के जिला उपभोक्ता फोरम ने सहारा इंडिया लिमिटेड को 7 लाख ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया है, अगर आप भी सहारा इंडिया निवेशक है तो आज का यह आर्टिकल आपको जरूर पढ़ना चाहिए।
हैदराबाद के जिला उपभोक्ता फोरम ने सहारा इंडिया लिमिटेड को एक वरिष्ठ नागरिक को 9% वार्षिक ब्याज के साथ मैच्योरिटी पर 7 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है, फोरम का यह फैसला तब आया जब फर्म ने शिकायतकर्ता द्वारा आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बावजूद मैच्योरिटी के बाद सावधि जमा राशि जारी करने में विफल रही, जिसके बाद शिकायतकर्ता राज कुमारी तिवारी ने कहा कि उन्होंने जून 2012 में सहारा इंडिया लिमिटेड के साथ 15 डिपोजिट किए थे, जिनमें से प्रत्येक की मैच्योरिटी राशि आठ साल बाद 47,016 थी।
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राज कुमारी तिवारी ने कहा कि जून 2020 के बाद उसने कई बार सहारा इंडिया से संपर्क किया और अपनी राशि ट्रांसफर करने को कहा। साथ ही यह भी आरोप लगाया गया है की फर्म के कर्मचारियों ने उसके अनुरोधों की उपेक्षा की, साथ ही कई अनुरोधों के बावजूद राशि जारी करने में वे विफल रहे, इसके बाद उसके द्वारा 15 नवंबर, 2022 को आयोग के पास शिकायत दर्ज कराई गई, जिसमें फर्म की ओर से सेवा में कमी का आरोप लगाया गया और पैसों की वापसी और मुआवजे की मांग की गई।
7,05,240 का भुगतान करने का निर्देश
इस केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि आयोग से नोटिस प्राप्त करने के बावजूद, फर्म न तो आयोग के समक्ष उपस्थित हुई और न ही लिखित बयान दाखिल किया है, इसलिए उसे एकपक्षीय करार दिया गया है और कार्ट ने कहा की हम मानते हैं कि विपक्षी पक्ष की ओर से की गई निष्क्रियता लापरवाही और अनुचित व्यापार व्यवहार के बराबर है, कोर्ट ने उन्हें 20 जून, 2020 से भुगतान की तारीख तक 9% प्रति वर्ष की दर से ब्याज के साथ 7,05,240 का भुगतान करने का निर्देश दिया है।